छत्तीसगढ़ में राम नवमी हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाई जा रही है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया है। रायपुर में भी श्रीराम-सीता के मंदिरों में पूजा-अर्चना की जा रही है। VIP रोड स्थित श्रीराम मंदिर में 12 बजे राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। भगवान श्रीराम का रुद्राभिषेक के बाद सवामणी भोग भी लगाया जाएगा।
राजधानी के प्राचीन दूधाधारी मठ और जैतुसाव मठ में राघवेंद्र सरकार का स्वर्ण श्रृंगार किया जाएगा। माता कौशल्या के मंदिर चंदखुरी में भी भगवान की बाल रूप में पूजा की जा रही है। बिलासपुर के श्रीराम मंदिर, व्यंकटेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह से विशेष पूजा-पाठ चल रही है।
भरत और शत्रुघ्न भी एक ही गर्भगृह में प्रतिष्ठापित
रायपुर के प्राचीन दूधाधारी मठ में भी रामनवमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस मठ में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण के साथ ही भरत और शत्रुघ्न भी एक ही गर्भगृह में प्रतिष्ठापित हैं। यहां दोपहर 12 बजे रामलला का जन्म होगा। रामनवमी के मौके पर श्रीराम, लक्ष्मण और मां सीता का विशेष श्रृंगार किया गया है। दूधाधारी मठ सन 1554 में बना था।
मंदिरों में गूंज रहे मंगल गीत
इसके अलावा राम नवमी पर भगवान राम के ननिहाल और मां कौशल्या मंदिर चंदखुरी में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। यहां भक्त पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। साथ ही मंदिरों में मंगल गीत भी गूंज रहे हैं।
राम जन्मोत्सव के मौके पर भव्य तैयारियां की गई हैं। इस चंदखुरी मंदिर में भगवान श्रीराम भांजे के रूप में पूजे जाते हैं। यहां इकलौती ऐसी प्रतिमा है, जिसमें भगवान राम अपनी माता कौशल्या की गोद में बैठे बाल रूप में दिखाए गए हैं।