रायपुर: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कार्यक्षेत्र और स्कूल कॉलेजों में छात्राओं को छुट्टी देने पर संसद में भले ही मासिक धर्म अवकाश नीति लागू नहीं हो पाई लेकिन छत्तीसगढ़ में इसे लागू किया गया है. छत्तीसगढ़ में विधि विश्वविद्यालय ने मासिक धर्म अवकाश नीति शुरू करने की घोषणा की है. हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) ने महिला छात्राओं को महीने के मुश्किल दिनों में आराम देने के लिए ये ऐलान किया. यह नीति 1 जुलाई से प्रभावी होगी.
छत्तीसगढ़ में पीरियड्स लीव
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया शिक्षण दिवस के दौरान छात्राएं प्रति कैलेंडर माह एक दिन पीरियड्स लीव ले सकती है. इस समय आम टीचिंग डे के दौरान छात्राओं को इसका लाभ दिया जा रहा है. आगे परीक्षा के दिनों में भी ऐसी विशेष आवश्यकताओं के कारण छात्राओं को छुट्टी देने पर विचार किया जा रहा है. अनियमित मासिक धर्म सिंड्रोम या पीसीओएस जैसे कारणों से पीड़ित छात्राएं प्रति सेमेस्टर प्रति विषय छह कक्षाओं में उपस्थिति का दावा कर सकते हैं.
HNLU यूनिवर्सिटी ने मासिक धर्म अवकाश नीति की घोषणा की
एचएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर वी सी विवेकानंदन ने छात्राओं के लिए पीरियड्स लीव की घोषणा करने पर एकेडमी काउंसिल का धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा मासिक धर्म अवकाश नीति का कार्यान्वयन युवा महिला छात्राओं की विशेष जरूरतों को समझने और उन्हें सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है. इस तरह की नीति को समर्थन देने के लिए एकेडमी काउंसिल को धन्यवाद देते हैं.
मासिक धर्म अवकाश नीति क्या है
किसी भी महिला या छात्राओं को वर्किंग प्लेस या स्कूल कॉलेज में पीरियड्स के दौरान एक दिन छुट्टी देने के लिए बनाई जाने वाली नीति है. लेकिन संसद में ये पास नहीं हो सका है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को राज्यों और अन्य पक्षों के साथ मिलकर महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश पर एक मॉडल तैयार करने के निर्देश दिए हैं.