छत्तीसगढ़ में नक्सल इलाकों में पोस्टेड कर्मचारी अब ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. क्योंकि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव करने की तैयारी में है. इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में दी है. पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव होने से पुलिसकर्मियों को अब ट्रांसफर के लिए लगातार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इस पॉलिसी का सबसे ज्यादा फायदा नक्सल इलाकों में पोस्टेड कर्मचारियों को होने की उम्मीद है.
नेता-मंत्रियों को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
छत्तीसगढ़ में पुलिस की ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति को लेकर जानकारी देते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में बताया कि नई पॉलिसी आने के बाद पुलिस कर्मचारियों को अब ट्रांसफर के लिए नेताओ और मंत्रियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. क्योंकि यह पॉलिसी नक्सल इलाकों में काम कर रहे पुलिसकर्मचारियों को ध्यान में रखकर ही बनाई जा रही है. सदन में कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी के सवाल पर विजय शर्मा ने कहा कि इस नई ट्रांसफर पॉलिसी में सबसे अच्छी बात यह होगी कि अब पुलिसकर्मचारी ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए सिस्टम बन रहा है. जो भी कर्मचारी आवेदन करेंगे, उस पर अमल करके उनका ट्रांसफर आदेश घर तक पहुंचा दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें किसी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
तीन साल बाद ही होगा ट्रांसफर
हालांकि गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि नक्सल इलाकों में तीन साल नौकरी के बाद ही ट्रांसफर हो पाएगा. उन्होंने बताया कि जो एसआई से निरीक्षक के पद पर प्रमोटिट किए जाते हैं, उन्हीं अधिकारियों की तैनाती कम से कम तीन साल के लिए नक्सल इलाकों में की जाती है. इसके अलावा जिन कर्मचारियों की उम्र 54 साल से कम होती है उन्हें इन जिलों में तैनात किया जाता है. जहां तीन साल की नौकरी के बाद ही इन पुलिस कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाता है. फिलहाल छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मचारियों के ट्रांसफर का फैसला पुलिस मुख्यालय की स्थापना समिति ही लेती है.
जिन पुलिसकर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाता है उनके निर्देश पुलिस मुख्यालय की स्थापना समिति की तरफ से लिए जाते हैं. नक्सल क्षेत्र में तैनाती से पहले भी पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी के सभी नियम ध्यान में रखती है.
2022 में भी बदली थी नीति
बता दें कि इससे पहले भूपेश बघेल सरकार में भी पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव किया गया था. तब जिला स्तर और राज्य स्तर पर अलग-अलग ट्रांसफर की व्यवस्था की गई थी. जहां जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन करने पर जिला का कलेक्टर पुलिस कर्मचारियों का ट्रांसफर करता था. जबकि राज्य स्तर पर मंत्री के अनुमोदन पर ट्रांसफर होता था. लेकिन अब इस नीति में बदलाव किया गया है. पुलिस विभाग के ट्रांसफर के सभी निर्णय पुलिस मुख्यालय की स्थापना समिति की तरफ से लिए जाते हैं.