CG में डराने लगा मलेरिया, 2 बच्चों की गई जान, मां भी अस्पताल में भर्ती

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में अब मलेरिया जानलेवा होता जा रहा है. बिलासपुर में एक बार फिर 2 मासूमों की जान चली गई है. शुक्रवार को मलेरिया पॉजिटिव दो बच्चों की मौत हो गई. एक बच्चे की उम्र 6 साल और दूसरे की 12 साल थी. दोनों बच्चे सगे भाई थे. इतना ही नहीं दोनों बच्चों की मां की भी हालत गंभीर बनी हुई है. फिलहाल महिला को बेहतर इलाज के लिए सिम्स रेफर किया गया है. बेलगहना इलाके के कालीमाटी गांव का ये पूरा मामला है.

अब तक बिलासपुर के बेलगहना इलाके में मलेरिया के 14 मरीज सामने आ चुके हैं. CMHO डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है. बता दें कि इससे पहले भी टेंगनमाड़ा इलाके में मलेरिया से दो बच्चों की मौत हो गई थी.

हाईकोर्ट ने लिया था मामले पर संज्ञान
मालूम हो कि डायरिया और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए हाईकोर्ट ने खुद इस मामले पर संज्ञान लिया था. बिलासपुर जिले में 7 से 18 जुलाई तक मलेरिया के 501 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. 2 की मलेरिया और 1 की डायरिया से मौत हो गई थी. 29 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके है. कुछ मरीजों का इलाज किया जा रहा था.

दो भाइयों की हुई थी मौत

कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के जिले के एक गांव में दो सगे भाइयों की मलेरिया से मौत हो गई थी. एक भाई की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हुई, तो दूसरे भाई की घर पर दम तोड़ा था. परिजन दोनों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे थे. इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया था. बच्चों की मौत के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया. दूसरी ओर मलेरिया से मौत का पता चलते ही स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया था. विभाग ने मृतकों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद बात करने की बात कही. इतना ही नहीं अब विभाग झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा.

पूरा मामला कोटा-बेलगहना इलाके के टेंगनमाडा गांव का है. यहां एक परिवार के दो बेटों 14 साल का इमरान और 15 साल के इरफान को अचानक बुखार आया. इसे मामूली बुखार समझ परिजन उन्हें झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए. यहां जब डॉक्टर ने इलाज शुरू किया तो उनकी तबीयत और बिगड़ गई. इसकी सूचना किसी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को दे दी. सूचना मिलते ही विभाग की टीम आई तो देखा कि बच्चों की हालत खराब है. बड़े भाई की हालत गंभीर होते देख टीम ने उसे इलाज के लिए फौरन कोटा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर दिया. यहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. तो वहीं एक बच्चे ने घर में ही दम तोड़ दिया था.

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