कबीरधाम: 1 जुलाई 2024 से लागू प्रभावी हुए देश नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS ) के कुछ देर बाद ही छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला कबीरधाम में देश का पहला एफआईआर दर्ज किया गया. पुलिस ने मारपीट की घटना की शिकायत में कार्रवाई करते हुए बीएनस की धारा 296,351(2). के तहत पहला FIR दर्ज किया है.
सुबह 12:10 बजे को दर्ज हुई FIR
रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित इतवारी पंचेश्वर पिता सहदेव निवासी मोहनटोला थाना रेंगाखार जिला कबीरधाम के द्वारा पुलिस को लिखित सूचना मिली कि आरोपी गोलू ठाकरे सकिन रेंगाखार ने ट्रैक्टर के कागजात नही दे रहा है, कहते हुए पीड़ित के साथ मारपीट व गालीगलौज किया. इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थाना रेंगाखार में पीड़ित द्वारा लिखित आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर सुबह 12.10 बजे आरोपी के खिलाफ BNS की धारा के तहत FIR दर्ज किया गया.
इसलिए बना है नया कानून?
भारत के नए कानून, विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता (BNS), का उद्देश्य देश की न्यायिक प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना है. 160 साल पुराने अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), और इंडियन एविडेंस एक्ट को प्रतिस्थापित कर ये 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS ), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS ) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लाए गए हैं. इनका मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता लाना है, जिससे हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके.
एसपी डा. अभिषेक ने कहा, न्याय के दिशा में प्रतिबद्ध
नए कानून के तहत दर्ज प्रथम FIR पर कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक ने कहा कि, नए कानूनों का उद्देश्य हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय सुलभ कराना है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रावधानों के तहत, हमने यह सुनिश्चित किया है कि न्यायिक प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी और पारदर्शी हों. आज की घटना में पीड़ित के आवेदन पर तुरंत कार्यवाही करते हुए पुलिस द्वारा तत्काल FIR दर्ज करना हमारे नए कानूनों की प्रभावशीलता का स्पष्ट प्रमाण है.
हम न्याय की दिशा में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध
एसपी डा. अभिषेक ने कहा कि यह दर्शाता है कि हम अपने नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं. इस त्वरित कार्रवाई से न केवल पीड़ित को समय पर न्याय मिलेगा, बल्कि समाज में यह संदेश भी जाएगा कि कानून और न्याय प्रणाली उनकी सुरक्षा और अधिकारों के लिए हमेशा तत्पर है. हमारी टीम की तत्परता और समर्पण इस बात का प्रतीक है कि हम न्याय की दिशा में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
नक्सल प्रभावित जिले नए कानून के तहत पहला FIR दर्ज होना ऐतिहासिक
नक्सल प्रभावित जिले में नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत पहला FIR दर्ज होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है. इससे स्पष्ट होता है कि ये कानून न केवल न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य है समाज में न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है.
नए कानून लागू होने से देश की न्यायिक प्रणाली में एक नया दौर शुरू होगा
एसपी डा. अभिषेक ने कहा, नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से देश की न्यायिक प्रणाली में एक नया दौर शुरू होगा, जो न केवल अभियुक्तों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि सरकार न्यायिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है . नया कानून भारतीय समाज को एक न्यायपूर्ण, समान और सुरक्षित समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.