दक्षिणी गाजा के रफाह शहर के खान यूनिस इलाके में हुई गोलीबारी से संयुक्त राष्ट्र के एक कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी जख्मी हो गया। मृतक कर्मचारी की पहचान भारतीय नागरिक के रूप में की गई है। उनका नाम भारतीय सेना से रिटायर्ड हो चुके कर्नल वैभव अनिल काले बताया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, 46 वर्षीय वैभव अनिल काले एक महीने पहले ही गाजा में संयुक्त राष्ट्र डिपार्टमेंट ऑफ सेफ्टी एंड सिक्योरिटी (डीएसएस) विभाग में बतौर सिक्योरिटी सर्विस कॉर्डिनेटर के तौर पर शामिल हुए थे। अनिल काले संयुक्त राष्ट्र के स्टीकर लगी गाड़ी में सफर कर रहे थे, उनकी गाड़ी पर संयुक्त राष्ट्र का झंडा भी लगा था। सूत्रों के मुताबिक, अनिल काले ने 2022 में समय से पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था। संयुक्त राष्ट्र के बयान के मुताबिक यह हमला उस वक्त हुआ जब सुबह को अनिल काले अपने सहयोगी के साथ यूएन की गाड़ी में रफाह स्थित यूरोपियन अस्पताल जा रहे थे। संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र कर्मी पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और मौत पर दुख जताया है। साथ ही, मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने मृतक परिवार को भी अपना शोक संदेश भेजा है।
संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी गाड़ी पर किसने गोलीबारी की। वैभव अनिल काले के साथ एक अन्य संयुक्त राष्ट्र सहायता कर्मी भी यात्रा कर रहे थे। यह पहली बार है जब इस्राइल-गाजा संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र के किसी कर्मी की जान गई है। वहीं, अलजजीरा की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी गाजा में इस्राइल की गोलाबारी में अब तक कुल 190 सहायता कर्मियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं। लेकिन अनिल काले संयुक्त राष्ट्र के पहले विदेशी कर्मी हैं, जिनकी मौत गाजा में गोलीबारी में हुई है।
वहीं इस्राइल की सेना आईडीएफ ने भी बयान जारी कर कहा है कि यह हमला सोमवार को रफाह इलाके में हुआ और वह इस गोलीबारी और संयुक्त राष्ट्र सहायता कर्मी की मौत की जांच कर रहा है।