जांजगीर चांपा. पूरा देश इन दिनों जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी में जुटा हुआ है. इस रथयात्रा के प्रति लोगों की अपनी अगाध श्रद्धा और आस्था है. सबके अपने अपने रीति रिवाज हैं. सिर्फ ओडिशा ही नहीं पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी रथयात्रा की धूम रहती है. बस्तर में तो रथयात्रा निकलती ही है जांजगीर चांपा में भगवान के लिए विशेष भोग बनता है.
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए जांजगीर चांपा जिले के चांपा नगर में माल पुआ बनते हैं. यह केवल रथयात्रा के दिन ही बनते हैं. इसे भगवान जगन्नाथ को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. रथयात्रा देखने के लिए दूर-दूर से लोग चांपा पहुंचते हैं और भगवान का प्रसाद मालपुआ खरीदने के बाद ही घर लौटते हैं. मालपुआ 150 से 170 रुपए किलो बिकता है.
द्वितीया पर रथ यात्रा
हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथदुतिया मनाई जाती है. इस दिन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन ओडिशा के पुरी में देश भर से लाखों श्रद्धालु रथयात्रा में शामिल होने पहुंचते हैं. जांजगीर चांपा जिले के चांपा नगर में भी धूम धाम से रथयात्रा निकाली जाती है.
चांपा के मालपुआ
सालभर में एक दिन रथयात्रा के दिन चांपा शहर में जगह जगह मालपुआ बनते हैं. रथयात्रा के बाद लोग इसे प्रसाद के रूप खरीद कर घर ले जाते हैं. भीड़ इतनी रहती है कि लोगो को मालपुआ खरीदने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है. गुड़ से बनने वाले इस मालपुआ को लोग बहुत पसंद करते हैं.