अयोध्या के राम मंदिर की छत से बारिश का पानी टपकने लगा है. यह दावा है यहां के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का. उनका कहना है कि जहां रामलला विराजमान हैं वहां पहली बरसात में ही पानी चूने लगा. उन्होंने कहा कि अंदर भी पानी भर गया था. मुख्य पुजारी का कहना है कि जो निर्माण हुआ है उसमें देखना चाहिए कि कहां कमी रह गई, जिसकी वजह से पानी टपक रहा है.
बारिश हुई तो राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि मंदिर के अंदर भी पानी भर गया. उन्होंने कहा कि पानी निकलने का कोई जगह नहीं है और पानी टपकता भी है. उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान पहले होना चाहिए. आज-कल में ही इस समस्या के समाधान को सुनिश्चित करने की जरूरत है. अगर बरसात शुरू हो जाएगी तो वहां पूजा अर्चना भी मुश्किल हो जाएगा.
हालांकि, राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने अपने बयान में कथित जल रिसाव पर कहा, “मैं अयोध्या में हूं. मैंने पहली मंजिल से बारिश के पानी को गिरते देखा है. यह स्वभाविक है क्योंकि गुरु मंडप दूसरी मंजिल के रूप में आकाश के संपर्क में है और शिखर के पूरा होने से यह बंद हो जाएगा. मैंने नाली से कुछ रिसाव भी देखा क्योंकि पहली मंजिल पर यह काम प्रगति पर है. पूरा होने पर, नाली बंद कर दी जाएगी.”
नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा, “गर्भगृह में कोई जल निकासी नहीं है क्योंकि सभी मंडपों में पानी की निकासी के लिए ढलान को मापा गया है और गर्भगृह में पानी को मैन्युअल रूप से अवशोषित किया जाता है. इसके अलावा, भक्त देवता पर अभिषेक नहीं कर रहे हैं. कोई डिजाइन या निर्माण समस्या नहीं है. जो मंडप खुले हैं उनमें वर्षा का पानी गिर सकता है जिस पर बहस हुई थी लेकिन निर्णय उन्हें नागर वास्तुशिल्प मानदंडों के अनुसार खुला रखने का था.”