नशे में धुत जवान ने ट्रेन की बर्थ पर किया पेशाब, महिला के शिकायत करने पर नहीं लिया गया कोई एक्शन

दुर्ग। शराब के नशे में धुत सेना के एक जवान ने गोंडवाना एक्सप्रेस की बर्थ पर पेशाब कर दिया। वो ऊपर वाली बर्थ पर था और उसके नीचे वाली बर्थ पर एक महिला अपने बच्चे के साथ थी। ऊपर से पानी जैसा गिरने पर महिला उठी और कुछ ही समय में उसे यह अहसास हुआ कि उसके ऊपर पेशाब गिरा है। वो वहां से हटी और ट्रेन रनिंग स्टाफ से इसकी शिकायत भी की लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला ने अपने पति को फोन पर इसकी जानकारी दी। जिसके बाद महिला के पति ने आनलाइन शिकायत की, इसके बाग भी कोई शिकायत नहीं हुई।

पीड़ित महिला का नाम प्रीति सिंह और वो दुर्ग के मुखर्जी नगर की रहने वाली है। वो अपने सात साल के बेटे के साथ अपने रिश्तेदार के यहां दिल्ली गई हुई थी। वहां से वो गोंडवाना एक्सप्रेस से वापस लौट रही थी। गोंडवाना एक्सप्रेस के कोच नंबर बी-9 में सीट नंबर 23 पर वो यात्रा कर रही थी। मथुरा स्टेशन से ऊपर वाली बर्थ नंबर 24 पर सेना का जवान बैठा।

बताया जा रहा है कि वो शराब के नशे में धुत था। महिला ने शिकायत की है कि जब से वो युवक अपनी बर्थ पर बैठा था, तब से वो अजीब सी हरकतें कर रहा था। आते ही उसने ऊपर की बर्थ पर उसने अपनी ट्राली रख दी। जिससे टीटीई को चोट भी लगी थी। टीटीई ने उसे चोट लगने पर बोला तो उसने सेना का जवान होने का धौंस दिखाते हुए उसे हड़का दिया। कुछ देर बाद वो अपनी बर्थ से नीचे उतरा और महिला का सैंडल पहनकर बाथरूम जाने लगा।

महिला ने आपत्ति की तो उसने विवाद शुरू कर दिया और सैंडल पहनकर जाने की जिद पर अड़ गया। महिला ने सख्ती की तब जाकर उसने सैंडल उतारा। इसके कुछ देर बाद उस युवक ने अपनी बर्थ पर ही पेशाब कर दिया। नीचे अपने बच्चे के साथ बैठी महिला पर पेशाब गिरी तो उसने कड़ी आपत्ति जताई। उसके साथ के यात्रियों ने भी जवान की इस हरकत पर उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन वो इतना अधिक नशे में था कि ठीक से कुछ बोल भी नहीं पा रहा था।

पीएमओ व रेलवे तक शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई
पीड़ित महिला प्रीति सिंह ने अपने पति हिमाचल सिंह को फोन पर इस घटना की जानकारी दी। जिसके बाद हिमाचल सिंह ने रेलवे, पीएमओ, आरपीएफ और जीआरपी को एक्स पर शिकायत की। हेल्प लाइन नंबर पर भी फोन किया।

शिकायत के बाद ग्वालियर और झांसी में रेलवे का स्टाफ महिला के पास पहुंचा भी लेकिन, किसी ने भी महिला की मदद नहीं की। सेना का जवान होने के कारण उसके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। जबकि रेलवे स्टाफ ने नशे में धुत जवान को चेक किया तो उसकी पैंट गीली भी मिली, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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