महाराष्ट्र में ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट FLiRT यानी KP.2 के अब तक 91 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 51 मामले पुणे में हैं। अमेरिका से निकला यह सब वेरिएंट भारत सहित कई देशों में फैल चुका है और इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र में इस साल मार्च में कोविड-19 के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मामले बढ़ने की संभावित वजह KP.2 वेरिएंट का फैलना है।
FLiRT वेरिएंट का सबसे पहले अमेरिका में पता चला था। वहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना है, इसका मतलब है कि यह घातक है और इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें वैक्सीन और इम्यूनिटी को चकमा देने की ताकत है। यानी इस पर वैक्सीन का फिलहाल कोई असर नहीं हो रहा है। johns hopkins ने इसके लक्षण और बचने के उपाय बताए हैं।
KP.2 वेरिएंट क्या है?
केपी.2 (JN.1.11.1.2) वेरिएंट, JN.1 का ही एक रूप है जिसमें S:R346T और S:F456L दोनों म्यूटेशन पाए जाते हैं। यह जेएन.1 की तुलना में स्पाइक प्रोटीन में तीन बदलाव लिए हुए है, जिसमें ऊपर बताए गए दो म्यूटेशन और एक नॉन-स्पाइक प्रोटीन में पाया जाता है।
इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है KP.2
KP.2 इम्यूनिटी से बचने में माहिर है और JN.1 वेरिएंट की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक है। यह उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, जिन्हें सबसे अपडेटेड वैक्सीन मिली है।
KP.2 के लक्षण
FLiRT वेरिएंट के लक्षण JN.1 की तरह हैं। इसके मरीजों में गले में खराश, नाक बहना, खांसी, सिर और शरीर में दर्द, बुखार, कंजेशन, थकान और गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। कई मामलों में मरीज को दस्त, मतली और उल्टी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
मास्क पहनना ना भूलें
कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है। मास्क एक तरह का फिल्टर का काम करता है, जो सांस के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों को रोकता है। ये बूंदें ही दरअसल वायरस फैलाने का जरिया होती हैं। मास्क पहनने से न सिर्फ आप खुद को बचाते हैं बल्कि आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखते हैं। खासकर बंद या भीड़भाड़ वाली जगहों पर जहां दूरी बनाए रखना मुश्किल है, वहां मास्क बहुत जरूरी है।
कोरोना के नए वेरिएंट से कैसे बचें
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
बार-बार धोने के माध्यम से हाथ की स्वच्छता बनाए रखें
शारीरिक दूरी बनाए रखें
बड़ी सभाओं और खराब हवादार क्षेत्रों से दूर रहें
बार-बार छुई जाने वाली सतहों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करें
अस्वस्थ या रोगसूचक महसूस होने पर घर पर रहें
कोरोना के जितने भी टीके हैं, उन्हें लगवाएं