सूरजपुर में हाथियों का आतंक: महिला को उठाकर पटका फिर कुचलकर मार डाला

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बीती रात 3 दंतैल हाथियों ने घर में अकेली रह रही महिला को कुचलकर मार डाला। हाथियों की निगरानी में लगे हाथी मित्र दल के सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए थे। उनके पहुंचते तक हाथियों ने महिला का कुचल दिया। पूरा मामला प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के खड़़गवां का है।

जानकारी के मुताबिक, खड़गवां के जंगलों में लंबे समय से विचरण कर रहे तीन हाथी बीती रात करीब 10.30 बजे झींगापारा में पहुंचे। हाथियों ने जंगल किनारे घर बनाकर रह रही महिला विरांची देवी (65) के घर के छप्परों को उजाड़ा।

हाथी ने महिला को उठाकर पटका

इस दौरान आवाज सुनकर महिला विरांची देवी घर के बाहर निकल गई और हाथियों को देखकर भागने लगी। एक दंतैल हाथी ने उसे उठाकर पटक दिया, जिससे महिला की मौके पर ही जान चली गई।

निगरानी दल के सामने मार डाला

प्रतापपुर एसडीओ फॉरेस्ट आशुतोष भगत ने बताया कि हाथियों की निगरानी में लगी टीम मौके पर पहुंच गई थी। अगर महिला घर से बाहर नहीं निकली होती तो उसकी जान बच जाती। निगरानी दल ने रोशनी और शोर मचाकर हाथियों को खदेड़ा, तब तक महिला की मौत हो गई थी।

खड़गवां के पास के जंगलों में डटा हाथियों का दल

बताया जा रहा है कि तीन दंतैल हाथी लंबे समय से प्रतापपुर और राजपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। बीती रात करीब 9.30 बजे ये तीन हाथी खोखनिया के जंगल में थे, जहां से वे झिंगापारा के पास पहुंच गए। हाथियों का दल अब भी खड़गवां के पास के जंगलों में डटा हुआ है।

लंबे समय से अकेली रह रही थी महिला

मृत महिला विरांची बाई के पति ननका राम की पहले ही मौत हो चुकी है। उसके बच्चे सड़क किनारे बने घरों में रहते हैं। महिला जंगल के पास अकेली रह रही थी। सूचना पर उसके परिजन भी मौके पर पहुंचे। प्रतापपुर रेंजर उत्तम मिश्रा सहित वन विभाग के अमले ने रात को ही शव को प्रतापपुर सीएचसी भेज दिया है, जहां पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।

2 दल प्रतापपुर क्षेत्र में कर रहे हैं विचरण

फॉरेस्ट SDO आशुतोष भगत ने बताया कि निगरानी दल हाथियों की निगरानी कर रहा है। प्रतापपुर में 3 दंतैल हाथियों के साथ 6 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। 6 हाथी धरमपुर के पास भरदा में डटे हुए हैं। आसपास के लोगों को जंगल में न जाने और हाथियों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है।

SDO ​​​​​​​आशुतोष भगत ने​​​​​​​ कहा कि तेंदू पत्ता का सीजन होने के कारण बड़ी संख्या में लोग तेंदू पत्ता तोड़ने के लिए जंगल में पहुंचते हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित क्षेत्र में ही तेंदू पत्ता तोड़ने जाने की सलाह दी गई है।

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