‘चमकीला’ बनकर चमके दिलजीत दोसांझ, इम्तियाज अली ने ओटीटी पर बना दी ‘रॉकस्टार’

पंजाबी संगीत के इतिहास में अमर सिंह चमकीला का नाम काफी अहम है। उनकी धुनों ने लाखों लोगों की आत्मा को झकझोर दिया, लेकिन उनके संगीत को द्विअर्थी और अश्‍लील गीतों के कारण कमतर माना गया। इस वजह से एक वर्ग उनसे नाराज भी था। चमकीला और उनकी दूसरी पत्‍नी अमरजोत की लाइव परफार्मेंस के दौरान सरेआम गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। उस समय चमकीला की उम्र महज 27 साल थी।

उनकी हत्‍या की गुत्‍थी अनसुलझी रही। चमकीला की हत्या के 36 साल बाद उनके जीवन पर इम्तियाज अली ने फिल्म अमर सिंह चमकीला बनाई है। फिल्‍म में दलित मजदूर से एक महान गायक बनने के उनके जीवन संघर्ष को दर्शाया गया है।

हत्या से शुरू होती है चमकीला की कहानी

कहानी का आरंभ मेहसामपुर से होता है, जहां सैकड़ों की तादाद में जमा भीड़ चमकीला (दिलजीत दोसांझ) और अमरजोत (परिणीति चोपड़ा) का इंतजार कर रही होती है। दोनों गाड़ी से उतरते हैं। अचानक से अमरजोत के माथे पर गोली लगती है, जब तक चमकीला कुछ समझता, उसकी भी हत्‍या हो जाती है।

हर तरफ अफरा-तफरी मच जाती है। वहां से चमकीला की जिंदगी की परतें खुलना शुरू होती हैं। तब वह चमकीला नहीं धनीराम होता है। जुराबों की फैक्‍ट्री में काम करने वाला धनी संगीतप्रेमी है। संगीत की दुनिया में प्रवेश, अलग-अलग महिला गायकों के साथ गाना फिर अमरजोत के साथ जुड़ना, स्‍टेज नाम चमकीला मिलना और सफलता के बाद गंदे-गंदे गाने के आरोपों को लेकर जान से मारने की धमकी मिलने के बावजूद निडरता से परफॉर्म करने के प्रसंग आते हैं।

चमकीला ने भक्ति आधारित गाने भी गाए, जिनके बारे में कम लोग ही जानते हैं। उसका भी जिक्र है। वर्तमान से अतीत में आती-जाती यह कहानी चमकीला के करीबियोंं द्वारा बयां की जाती है।

चमकीला की चमक से चकाचौंध समाज

प्रेम कहानियों के महारथी इम्तियाज अली ने अमर सिंह चमकीला की जिंदगी को बहुत बारीकी से छुआ है। उन्‍होंने चमकीला के परिवेश पर गहराई से काम किया है। फिल्म कहीं से भी चमकीला के द्विअर्थी गीतों को लेकर उनकी छवि को चमकाने का काम नहीं करती, जिसने उन्हें और उनके श्रोताओं को समाज के स्वयंभू प्रहरी द्वारा ‘गंदा बंदा’ बना दिया था।

हालांकि, यह उस दौरान के समाज पर तीक्ष्‍ण टिप्पणी करती है, जिसमें चमकीला की चमक बिखरी होती है। इम्तियाज ने स्क्रिप्ट डेवलपर्स निधि सेठिया और ऋचा नंदा के साथ मिलकर चमकीला की जिंदगी पर पिछली सदी के आठवें दशक के दौरान पंजाब में उग्रवाद के प्रभाव को दिखाया है। उनकी पत्‍नी अमरजोत के बारे में बहुत ज्‍यादा जानकारी नहीं दी है।

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