नई दिल्ली: वंदे भारत मेट्रो जल्द पटरियों पर दौड़ने वाली है। इसकी पहली झलक सामने आई है। इस साल जुलाई में इसका टेस्ट होगा। पंजाब के कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री ने वंदे भारत मेट्रो के पहले कुछ कोच बनाए हैं। रेलवे सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में ऐसी 50 ट्रेनें बनाई जाएंगी। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ाकर 400 की जाएगी। रेंज के मामले में वंदे भारत मेट्रो 100 किमी से 250 किमी के बीच यात्रा करने में सक्षम होगी।
इसमें डिफॉल्ट कॉन्फिगरेशन के रूप में 12 कोच हैं। लेकिन, इसे 16 कोच तक बढ़ाया जा सकता है। रेलवे ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से कई सुधारात्मक पहल की गई हैं।
प्रमुख पहलों में सुरक्षा संबंधी कामों के लिए एक डेडिकेटेड फंड के निर्माण के साथ खर्च में बढ़ोतरी, मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को हटाना, ट्रैक नवीनीकरण पर अधिक जोर देना और सुरक्षित यात्री कोचों के ट्रैक रोलआउट को बढ़ी हुई गति से आधुनिकीकरण करना शामिल है।
वंदे भारत मेट्रो भारतीय रेलवे की ओर से विकसित एक सेमी हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेन है। यह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का मेट्रो वर्जन है।
ट्रेन टक्कर रोधक प्रणाली (टीसीएएस) से लैस है, जो ट्रेन को आगे की ट्रेन से टकराने से रोकती है। एयर कंडीशनिंग, स्वचालित दरवाजे, एलईडी लाइटिंग, वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे, बायो-वैक्यूम शौचालय, यात्री सूचना प्रणाली के साथ इसमें कई तरह की सुविधाएं हैं।
वंदे भारत मेट्रो को शुरुआत में दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-गाजियाबाद, और मुंबई-ठाणे जैसे व्यस्त मार्गों पर चलाया जाएगा। भविष्य में अन्य शहरों को भी जोड़ने की योजना है।