नई दिल्ली. नीतिगत सुधारों, सतत आर्थिक वृद्धि और उम्मीद से बेहतर आय की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय इक्विटी में 33,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. हालांकि, सरकार द्वारा बजट में वायदा एवं विकल्प कारोबार (एफएंडओ) और इक्विटी निवेश से पूंजीगत लाभ पर टैक्स बढ़ाए जाने के बाद उन्होंने पिछले तीन कारोबारी सत्रों (24-26 जुलाई) में इक्विटी से 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की.
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए भारतीय शेयर बाजार अच्छी स्थिति में है. हालांकि, अल्पकालिक खबरों के कारण मासिक स्तर पर कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (26 जुलाई तक) शेयरों में 33,688 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है.
राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में इक्विटी में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. इससे पहले, एफपीआई ने मई में चुनावी अटकलों के कारण 25,586 करोड़ रुपये और अप्रैल में मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी की चिंताओं के कारण 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी.
आईएमएफ और एडीबी द्वारा भारत के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान में वृद्धि तथा चीन में मंदी भारत के पक्ष में है. समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने इक्विटी के अलावा डेट मार्केट में 19,223 करोड़ रुपये का निवेश किया. इससे इस साल अब तक डेट मार्केट में 87,847 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है.