छत्तीसगढ़ में 13 लाख की इनामी नक्सली ने किया सरेंडर, कई गंभीर अपराधों में थी शामिल

शनिवार को कवर्धा के ट्रैफिक प्लाजा के मीटिंग हॉल में तीन राज्य की 13 लाख रुपए इनामी महिला नक्सली रानीता ने सरेंडर कर दिया है। इस नक्सली के खिलाफ एमपी के बालाघाट जिले में 19 व सीजी के केसीजी जिले में 3 अपराध दर्ज है। महिला नक्सली गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट, जीआरबी डिवीज़न अंतर्गत टांडा/मलाजखंड एरिया कमेटी सदस्य के रूप में सक्रीय थी। इस पर छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए, मध्यप्रदेश राज्य में 3 लाख रुपए व महाराष्ट्र राज्य में 5 लाख रुपए इनाम घोषित है।

महिला नक्सली पर कुल 13 लाख का इनाम घोषित है। छत्तीसगढ़ शासन के नक्सल उन्मूलन व नक्सल पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है। कबीरधाम एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि महिला नक्सली रानीता उर्फ हिड़मे कोवासी पति प्रेम पिता सन्नू कोवासी उम्र लगभग 22 वर्ष निवासी पुलनपाड़, गोल्लापरा थाना चिंतलनार जिला सुकमा ने जून 2016 में किस्टाराम एरिया में बाल संगम में शामिल हुई। इसके बाद जनवरी-फरवरी 2024 तक संगठन में सक्रिय रूप से काम किया। ये एमपी, सीजी व महाराष्ट्र में सक्रिय रहीं है। आत्मसमर्पित महिला नक्सली को पुनर्वास नीति के तहत मौके पर ही कबीरधाम कलेक्टर जन्मेजय महोबे के हाथों 25 हजार रुपए सहायता राशि प्रदान की गई। इसके साथ छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

इस तरह नक्सल संगठन में सक्रिय रहीं
जून 2016 में किस्टाराम एरिया में बाल संगम में शामिल हुई। वर्ष 2017 में संगठन में पूर्ण सदस्य बनी। 6 माह किस्टाराम क्षेत्र में रही। सितंबर 2017 में विस्तार के लिए एमएमसी जाने कोतुल एरिया माड़ आई। माड़ क्षेत्र से 20 लोगों के साथ विस्तार के लिए एमएमसी में आकर टांडा एरिया पहुंची। अक्टूबर2017 से 2020 तक टांडा एरिया कमेटी में रही। वर्ष 2021 से टांडा एरिया कमेटी को समाप्त कर मलाजखंड व दरेकसा में शामिल करने पर मलाजखंड एरिया कमेटी में सदस्य के रूप में जनवरी-फरवरी 2024 तक सक्रिय रही। मलाजखंड एरिया में एसजेडसीएम/डिवीजन सचिव विकास नागपुरे के साथ रही। संगठन में 2022 में संगठन में मलाजखंड एरिया कमेटी कमांडर के साथ शादी हुआ था। एक साल बाद पति-पत्नी अलग हो गए। संगठन में छोटे स्तर के कैडर के साथ भेदभाव, दुर्व्यवहार के कारण संगठन छोड़ दी।

अन्य नक्सलियों से की अपील
जिला पुलिस कबीरधाम ने मीडिया के माध्यम से नक्सल संगठन में कार्यरत सभी लोगों से अपील किया है कि वे हिंसा का मार्ग त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो। एक स्वस्थ, सुरक्षित व खुशहाल जीवन जीएं। हमारा उद्देश्य सभी भटके हुए युवाओं को पुनर्वासित कर उन्हें सम्मानित और समृद्ध जीवन प्रदान करना है। हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत हर संभव सहायता व सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

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