नई दिल्ली. भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन, एयर इंडिया ने अपना स्वयं का फ्लाइंग स्कूल स्थापित करने के अपने निर्णय की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य एयरलाइन इंडस्ट्री में करियर बनाने वाले युवाओं को एक बेहतरीन अवसर प्रदान करना है. फ्लाइंग स्कूल की पहल देश के भीतर प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने और कुशल पायलटों के विकास में योगदान देने की एयर इंडिया की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. यह कदम वैश्विक स्तर पर प्रशिक्षित विमानन पेशेवरों की बढ़ती मांग और भारत में बढ़ते विमानन क्षेत्र के बीच उठाया गया है.
फ्लाइंग स्कूल में विभिन्न प्रकार के पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पेशकश की जाएगी. इनमें प्रारंभिक, उच्चतर और व्यावसायिक पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल होंगे. एयर इंडिया के फ्लाइंग स्कूल में प्रशिक्षण के लिए नवीनतम और उन्नत विमानन उपकरणों का उपयोग किया जाएगा. इसमें उच्च गुणवत्ता के फ्लाइंग सिम्युलेटर्स और अन्य विमानन संबंधी उपकरण शामिल होंगे.
सालाना 180 पायलटों को प्रशिक्षण
पायलटों की कमी से निपटने के लिए एयर इंडिया ने महाराष्ट्र के अमरावती में एक स्कूल खोलने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य सालाना 180 पायलटों को प्रशिक्षण देना है. बिना किसी पूर्व उड़ान अनुभव के संभावित पायलट पूर्णकालिक अकादमी में दाखिला ले सकते हैं, जिससे उन्हें प्रशिक्षण के अगले चरणों को पूरा करने के बाद एयर इंडिया के कॉकपिट में शामिल होने का स्पष्ट रास्ता मिल जाएगा.
एक्सपर्ट्स सिखाएंगे विमान उड़ाना
एयर इंडिया अनुभवी और प्रमाणित पायलटों को प्रशिक्षकों के रूप में भर्ती करने की योजना बना रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को उच्च-गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिले. फ्लाइंग स्कूल में प्रवेश के लिए चयन प्रक्रिया कठोर होगी, जिसमें उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनकी शैक्षणिक योग्यता, शारीरिक फिटनेस और व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा.
वैश्विक स्तर पर काम कर सकेंगे प्रशिक्षित पायलट
एयर इंडिया के फ्लाइंग स्कूल से सफल उम्मीदवार न केवल एयर इंडिया के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर अन्य विमानन कंपनियों में भी करियर बनाने के लिए अच्छी तरह से तैयार होंगे. इस पहल का उद्देश्य विमानन उद्योग में कुशल पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करना और भारत में इस क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देना है.
एयर इंडिया के इस कदम से न केवल विमानन क्षेत्र में नई उम्मीदें बढ़ेंगी, बल्कि भारतीय युवाओं को विमानन क्षेत्र में उनके सपनों को पूरा करने का एक और माध्यम मिलेगा. इस स्कूल के माध्यम से एयर इंडिया ने अपने तकनीकी और प्राधिकरण के लिए एक मजबूत प्लेटफ़ॉर्म बनाने का उद्देश्य रखा है. फ्लाइंग स्कूल के निकट भविष्य में परिचालन शुरू करने की उम्मीद है.